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सारंगी मे प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हुआ चूल का आयोजन।

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मां हिंगलाज की कृपा से सारंगी में प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी चूल चली गई। मां के भक्त ने जलते अंगारों पर चलकर अपनी आस्था का परिचय दिया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कई भक्त अपनी मन्नत लेकर आते है और मां सभी की झोली भरती है। पिछले कई वर्षों से यहां चूल के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है जिसमें सारंगी ही नहीं आस-पास के क्षेत्र के अनेक भक्त चूल को देखने के लिए आते है।

पुजारियों और मंदिर समिति के सदस्यों ने बताया कि होली के दूसरे दिन चूल में दोपहर 02.00 बजे से लकड़ियां जलाई जाती है जो की शाम होते होते धधकते अंगारे तैयार हो जाते है। जैसे जैसे चूल चलने का समय होता है भक्तों की संख्या बढ़ती ही जाती है। चूल में 40 से भी ज्यादा भक्त चले।

होली के दूसरे दिन सारंगी में चली जाने वाली चूल में इस वर्ष भी आस्था का जन सैलाब देखने को मिला व चूल का कार्यक्रम प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी सम्पन्न हुआ

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